Friday, November 4, 2016

क्या आपके इन्वेस्टमेंट्स देते हैं आपको रियल रिटर्न ...


आप सोच रहे होंगे रियल रिटर्न क्या बला है , क्या अभी तक आप को अपने डिपाजिट में जो इंटरेस्ट मिलता था वो रियल नहीं  था !!!


समझिये कुछ ऐसा ही है...अगर आप ने आज तक रियल  रियल रिटर्न नहीं समझा है तो आप सच में अपने डिपाजिट या सेविंग में जो इंटरेस्ट या रिटर्न कमा रहे थे वो रियल नहीं था और आप रियल रिटर्न समझने के बाद आप को लग सकता है कि आप ने अपने इन्वेस्टमेंट को लेकर जो गलतियाँ की हैं उसमे सबसे बड़ी गलती रियल रियल रिटर्न को ना समझना रही है.

आइये समझते हैं रियल रिटर्न क्या है....


यदि आपकी सैलरी 1 लाख रुपये महीने की है तो आपके अकाउंट में 70 से 75 हजार ही क्रेडिट होते होंगे जानते हैं ना ऐसा क्यूँ .... ऐसा इनकम टैक्स के कारण. अब अगर आपके हाथ में 75 हजार ही सैलरी आती हो तो आप उसे 1 लाख समझ के अपना बजट नहीं बनायेंगे. कहने के लिए आपकी सैलरी 1 लाख है लेकिन आपको 70-75 हजार ही मिलती है.

जैसे कहने के लिए आपकी सैलरी 1 लाख मासिक है लेकिन हाथ में आते यह 70 हजार ही रह जाती है ऐसा अक्सर आपके इन्वेस्टमेंट के साथ भी होता है. आप को निवेश करते समय 10% ब्याज बताया लेकिन साल के अंत मे आपको 30% टैक्स देना पड़ा तो आपके हाथ में बचे केवल 7%.

तो क्या यही है आपका रियल रिटर्न ???

नहीं .... अभी आप रियल रिटर्न तक नहीं पहुचे हैं यह तो आपका आफ्टर टैक्स रिटर्न है

अब आप मान लीजिये की कुछ कारणों से आपकी सैलरी पिछले साल नहीं बढ़ी थी मतलब पिछले साल नवम्बर में जितनी सैलरी आपके अकाउंट में क्रेडिट होती थी वही इस साल भी नवम्बर महीने में क्रेडिट हुई. अब आप अगर सोच रहे हैं कि आपकी सैलरी पिछले साल के बराबर है तो यहाँ आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं क्यूंकि सही मायने में आपकी सैलरी पिछले साल की तुलना में घट गई. यह समझना यहाँ बहुत जरुरी है कि पिछले साल के 70 हजार रुपये की क्रय शक्ति इस साल घट गई होगी इसलिए आप सही मायने में 70 हजार रुपये नहीं पा रहे हैं.

इसी तरह अगर आपने १०० रूपये पिछली साल निवेश किये थे तो उन रुपयों की भी क्रय शक्ति महंगाई के कारण घट गई होगी. अब आज आप के १०० रुपये में उतना सामान नहीं खरीद पाओगे जितना आप एक साल पहले खरीद सकते थे.

अब हम इसको निवेश करने के उदाहरण से समझते हैं मान लीजिये आपको 1 साल बाद अपने घर के फर्नीचर बदलने हैं और आपने कुछ दुकानों पर देखा और जो फर्नीचर आप को पसंद आया वो 1 लाख रुपये का मिल रहा है आप के घर वालों को भी यही फर्नीचर पसंद आया लेकिन समस्या यह है कि आप अपने नए घर में ही उसे लगाना चाहते हैं. अभी आपके पास लगभग 1 लाख रुपये पड़े भी हैं लेकिन मजबूरी ऐसी कि आप कुछ कर नहीं सकते. इसलिए आपने निर्णय लिया कि यह पैसा 1 साल के लिए कहीं डिपाजिट कर देते हैं जिससे यह खर्च भी ना हो और 1 साल में कुछ इंटरेस्ट भी मिल जायेगा, फर्नीचर भी आ जायेगा एक साल बाद और कुछ पैसे भी बन जायेंगे. आप अगले दिन बैंक गए और 10% की ब्याज दर पर 1 साल के लिए आपने 1 लाख रूपये डिपाजिट कर दिए.

एक साल बाद आप बैंक गए आप ने देखा कि आपको डिपाजिट 1 लाख से बढ़ कर एक लाख 10 हजार रुपये हो गए है. आपको यह देख कर बहुत ख़ुशी हुई . लेकिन थोड़ी ही देर में आपके बैंकर ने यह बताया कि सर आप 30% टैक्स स्लैब में आते हैं तो आप को लगभग 3000 रुपये टैक्स देना पड़ेगा क्यूंकि ब्याज या इंटरेस्ट आप की इनकम में जुड़ जाती है और आपको उसी दर से टैक्स देना पड़ता है जिस स्लैब में आप होते हो.

यह सुन कर आपकी ख़ुशी थोड़ी कम हो जाती है लेकिन फिर भी आप को लगता है कि आप यह सोच के खुश रहते हो कि चलो 1 लाख रुपये का फर्नीचर लूँगा 7 हज़ार की बचत हो जायेगी यही सोचते हुए आप  फर्नीचर वाली दुकान पे पहुचें लेकिन ये क्या उसी फर्नीचर का रेट 1 लाख 15 हजार रुपये.... यह देख कर आप को बहुत गुस्सा आई आपने दुकान वाले से बोला कि 1 साल पहले यह फर्नीचर 1 लाख में था इतना रेट कैसे बढ़ गया. दुकान वाले ने लकड़ी, लेबर चार्ज और कई चीजें गिना कर 15 हजार रुपये बढ़ने की कहानी समझा दी आखिर में आपको वो फर्नीचर 1 लाख 15 हजार रुपये में मिला.

अब आप इस कहानी से समझिये रियल रिटर्न या रियल इंटरेस्ट के मायने...

रियल रिटर्न = ग्रॉस रिटर्न - टैक्स - महंगाई 

Real Return = Gross Return - Tax - Inflation

ऊपर दिए हुए उदारहण में

आपका ग्रॉस रिटर्न है- 10%
टैक्स आपने दिया - 3%
फर्नीचर महंगा हो गया - 15%
रियल रिटर्न = 10% - 3% - 15%
                    = -7%

अब बताइए इसे आप अच्छा निवेश मानेंगे.... नहीं ना..

हमेशा इन्वेस्टमेंट करते हुए रियल रिटर्न के ऊपर जरुर ध्यान देना चाहिए.

इन्वेस्टमेंट या निवेश का अर्थ ही यही होता है जब आप अपने धन का निवेश ऐसी जगह करें, भविष्य में आपके धन की क्रय शक्ति  आज की तुलना में अधिक हो तो उसे निवेश या इन्वेस्टमेंट माना जाता है. 

लेकिन अधिकांश लोग निवेश का सही अर्थ नहीं समझते और जीवन भर इस छलावे में रहते हैं कि उन्होंने  अपने इन्वेस्टमेंट पर अच्छे पैसे बनायें लेकिन वास्तव में वो तो अपनी सम्पतियों को घटा रहे होते हैं.

टैक्स और इन्फ्लेशन को समायोजित करने के बाद जो रिटर्न बचता है उसे  हम रियल रिटर्न कहते हैं.


क्या करना चाहिए निवेश करने से पहले-

जब भी निवेश करिये ऊपर दिए हुए रियल रिटर्न के फार्मुले को याद रखिये.


इस फार्मुले में आपको तीन चीजें मिल रही हैं ग्रॉस रिटर्न, टैक्स और इन्फ्लेशन .  हमारा कंट्रोल महंगाई या इन्फ्लेशन पर नहीं है यदि हम ग्रॉस रिटर्न बढ़ा सकें और टैक्स घटा सकें तो हम पॉजिटिव रियल रिटर्न बना सकते हैं.

ऊपर दिए गए उदाहरण में अगर आप ने ग्रॉस रिटर्न 20% बनाया होता और आपको टैक्स भी ना देना पड़ा होता तो आप 5% का रियल रिटर्न बनाते और आपके हाथ में 5000 रुपये बचते.

अगर आपके निवेश पॉजिटिव रियल रिटर्न नहीं बना रहे तो फिर आप सही जगह निवेश नहीं कर रहे हैं और आप केवल पैसे इकट्ठा कर रहे हैं उसे सही मायने में बढ़ा नहीं पा रहे और एक इन्वेस्टर के रूप में आप असफल हैं.

कहाँ करें निवेश-

इक्विटी और रियल एस्टेट को छोड़ कर कुछ ही विकल्प बचते हैं जिनमे आप रियल रिटर्न बनाते हैं

लेकिन इन दोनों के साथ समस्या है यह साल दर साल एक दर से बढ़ते नहीं हैं. इनकी वैल्यू घटती बढती रहती है. यहाँ से आप लम्बे समय में 5-10% का रियल रिटर्न बना सकते हैं.इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड एक अच्छे विकल्प हो सकते हैं.

लम्बे समय में इसके अलावा PPF और सुकन्या समृद्धि जैसी सरकारी योजनायें कुछ हद तक 1-2 % का पॉजिटिव रियल रिटर्न बनाने में आपकी मदद कर सकती है, लेकिन इनके साथ तमाम बाध्यताएं हैं.

टैक्स फ्री बांड्स में भी मौके मिलते हैं जहाँ पर आप 1-2% का रियल रिटर्न बना सकते हैं.

लेकिन यह सारे विकल्प आपको 5 साल से ज्यादा समय के लिए ही निवेश करना होगा.

3-5 साल के लिए के लिए आप एसेट एलोकेशन म्यूच्यूअल फण्ड या डेब्ट फंड्स चुन सकते हैं . इन विकल्पों से आप 2-5% का रियल रिटर्न बना सकते हैं.

3 साल से कम समय के निवेशों में टैक्स की छूट अब केवल इक्विटी आर्बिट्राज फंड्स में ही मिलती है यहाँ से आप 0.5%-1.5% का रियल रिटर्न बना सकते हैं लेकिन इनमे निवेश 3 महीने से ज्यादा समय के लिए करना ही उपयुक्त होगा.
http://arthagyanindia.blogspot.in/2016/05/fixed-deposits.html

http://arthagyanindia.blogspot.in/2016_04_01_archive.html


आप अपने निवेश सम्बन्धी प्रश्न arthagyan@yahoo.co.in पर भेज सकते हैं.

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